धातू | कर्मणिरूप | प्रयोजकरूप |
---|---|---|
अस् | भूयते | भावयति - ते |
अट् | अट्यते | आटयति - ते |
अर्ज् | अर्ज्यते | आर्जयति - ते |
अर्च् | अर्च्यते | अर्चयति - ते |
अश् | अश्यते | आशयति - ते |
परा + अय् | पलायते | पलाययति - ते |
अच् | अच्यते | आचयति - ते |
प्र + अर्थ् | प्रार्थ्यते | प्रार्थयते |
नि + अस् | न्यस्यते | न्यासयति - ते |
वि + अश् | व्यश्यते | व्याशयति - ते |
अश् | अश्यते | आशयति - ते |
प्र + अन् | प्राण्यते | प्राणयति - ते |
अद् | अद्यते | आदयति - ते |
सम् + आप् | समाप्यते | समापयति - ते |
आप् | आप्यते | आपयति - ते |
वि + आप् | व्यप्यते | व्यापयति - ते |
प्र + आप् | प्राप्यते | प्रापयति - ते |
उप् + आस् | उपास्यते | उपासयति - ते |
अधि + आस् | अध्यास्यते | अध्यासयति - ते |
आस् | आस्यते | आसयति -ते |
अधि + इ | अधीयते | अध्यापयति - ते |
प्र + इष् | प्रेष्यते | प्रेषयति - ते |
अनु + इष् | अन्विष्यते | अन्वेषयति - ते |
अप + इ | अपेयते | अपेयति - ते |
अनु + इ | अन्वेयते | अन्वेयति - ते |
इ | इयते | एयति - ते |
इष्-इच्छ् | इष्यते | एषयति - ते |
अप + ईक्ष् | अपेक्ष्यते | अपेक्षयति - ते |
ईक्ष् | ईक्ष्यते | ईक्षयति - ते |
परि + ईक्ष् | परीक्ष्यते | परीक्षयति - ते |
प्र + ईर् | प्रेर्यते | प्रेरयति - ते |
उद् + ईर् | उदीर्यते | उदीरयति - ते |
ईश् | ईश्यते | ईशयति -ते |
सम् + उञ्झ् | समुज्झ्यते | समुज्झयति - ते |
सम् + ऋध् | समृध्यते | समृद्धयति - ते |
अंख् | अंख्यते | अंखयति - ते |
वि + कस् | विकस्यते | विकासयति - ते |
कम्प् | कम्प्यते |
कम्पयति - ते |
स्त्रोत - संस्कृतदीपिका
अंतिम सुधारित : 7/21/2020
कर्मणि व प्रयोजकरुपे (तृ पु ए व....) - 5
कर्मणि व प्रयोजकरुपे (तृ पु ए व....) - 2 धातुरूपे...
कर्मणि व प्रयोजकरुपे (तृ पु ए व....) - 3