धातू | कर्मणिरूप | प्रयोजकरूप |
---|---|---|
दुह् | दुह्यते | दोहयति - ते |
दुष् | दुष्यते | दूषयति - ते |
दृश्-पश्य् | दृश्यते | दर्शयति - ते |
दृप् | दृप्यते | दर्पयति - ते |
आ + दृ | आद्रीयते | आदारयति - ते |
दंश्-दश् | दश्यते | दशयति - ते |
दण्ड् | दण्ड्यते | दण्डयति - ते |
द्रु-द्रव् | द्रव्यते | द्रावयति - ते |
द्युत्-द्योत् | द्योत्यते | द्योतयति - ते |
द्विष् | द्विष्यते | द्वेषयति - ते |
धाव् | धाव्यते | धावयति - ते |
नि + धा | निधीयते | निधापयति - ते |
अभि + धा | अभिधीयते | अभिधापयति - ते |
सम् + धा | संधीयते | संधापयति - ते |
वि + धा | विधीयते | विधापयति - ते |
परि + धा | परिधीयते | परिधापयति - ते |
आ + धा | आधीयते | आधापयति - ते |
धा | धीयते | धापयति - ते |
धु | धूयते | धवयति धूययति - ते |
धृ-धर् | धर्यते | धारयति - ते |
उद् + धृ-धर् | उद्धर्यते | उद्धारयति - ते |
धृष् | धृष्यते | धर्षयति - ते |
ध्वंस् | ध्वंस्यते | ध्वंसयति - ते |
ध्यै-ध्याय् | ध्यीयते | ध्यापयति - ते |
नम् | नम्यते | नमयति - ते |
नन्द् | नन्द्यते | नन्दयति - ते |
नश् | नश्यते | नाशयति - ते |
वि + नश् | विनश्यते | विनाशयति - ते |
निन्द् | निन्द्यते | निन्दयति - ते |
आ + नी-नय् | आनीयते | आनाययति - ते |
नी-नय् | नीयते | नाययति - ते |
नृत् | नृत्यते | नर्तयति - ते |
वि + आ + पद् | व्यापद्यते | व्यापादयति - ते |
पठ् | पठ्यते | पाठयति - ते |
पत् | पत्यते | पातयति -ते |
उद् + पद् | उत्पद्यते | उत्पादयति - ते |
आ + पद् | आपद्यते | आपादयति - ते |
पद् | पद्यते | पादयति - ते |
स्रोत - संस्कृतदीपिका
अंतिम सुधारित : 5/28/2020
कर्मणि व प्रयोजकरुपे (तृ पु ए व....) - 2 धातुरूपे...
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कर्मणि व प्रयोजकरुपे (तृ पु ए व....) - 4