अरुणाचल प्रदेश के अपर सियान्ग जिले में राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) का प्रारंभ हुआ | मुख्य उद्देश्य था क्षेत्र विस्तार और उत्पादन बढौतरी के द्वारा चावल उत्पादन बढाना | जेन्गिन्ग – यिंगकिओन्ग अंचल समिति के सिमॉन्ग, गेटे और गोबक गाँवों का समावेश इस मिशन में किया गया | सीमॉन्ग गाँव के किसानों के लिये जागरण सभा का आयोजन किया गया जिस में अंचल समिति सदस्य, जिला परिषद अध्यक्ष, विभिन्न पंचायत सदस्य और लगभग 200 किसान सहभागी हुए | जिला कृषि विकास अधिकारी, जो इस सभा में उपस्थित थे, उन्होंने एनएफएसएम के कार्यान्वयन की पद्धति और लाभार्थी का चुनाव समझाया | संबंधित पंचायत ने ग्रामनिवासियों के साथ मिलकर ख़ास कर ग्राम सभा में लाभार्थियों का चुनाव करने का और उस का रिकार्ड रखने का निर्णय लिया |
जेन्गिन्ग – यिंगकिओन्ग अंचल समिति ने इन तीनों गाँवों को जमीन और लाभार्थियों को पहचानने में मार्गदर्शन किया और उन से सही समय पर कार्यान्वयन के लिये सहयोग दिया | पंचायत सदस्यों के सहयोग और कार्यान्वयन के कारणही मिशन अंचल समिति के इन तीनों गाँवों में कार्यान्वित हुआ | सभी अंचल समिति और पंचायत सदस्य इस प्रकल्प के तहत निवेश के वितरण के दौरान उपस्थित थे |
योजना के कार्यान्वयन में कई अवरोध और समस्याओं के बावजूद, चावल का औसत उत्पादन 25 क्विंटल प्रति हेक्टर से 30 क्विंटल प्रति हेक्टर तक बढ़ा | गाँव में फिल्ड विझिट से समय सभी जगह हरी फसलें नजर आई जो अंचल समिति के काम का सबूत देती है | इस से न केवल उत्पादन में बढौतरी हुई किन्तु ग्रामवासियों की आमदनी भी बढ़ी है और इसी जिले के और दूसरे जिलों के भी अन्य लोगों को भी इसी प्रकार से कृषि की प्रेरणा मिली है |
सिमॉन्ग यह यिंगकिओन्ग से 10 किमी दूरीपर स्थित 1000 आबादी वाला गाँव है जो अपर सियँन्ग जिले का मुख्यालय है | यह समुद्र तल से 700 मीटर की ऊँचाई पर है |
विभागीय स्तर पर समत जल आपूर्ति योजनाओं को जोड़ कर जेन्गिन्ग-यिंगकिओन्ग अंचल समिति के प्रभावी समन्वय और सहायता के द्वारा एक जल आपूर्ति योजना बनाई है | यह योजना 15 सालों तक जल आपूर्ति करने हेतु बनाई गई है | पानी प्रक्रियापूर्व पानी टिकलिंग नाम के नल से लाया जाता है | स्रोत से पानी अवसादन-पूर्व टैंक में आता है जहाँ पर बड़े तैरते धूल के कण नीचे बैठ जाते हैं | पानी फिर द्वितीय अवसादन टैंक से बाहर आया पानी काफी हद तक शुद्ध होता है, और उसे स्लो सैंड फिल्टर से और छाना जाता है | इस से पानी के 99 प्रतिशत बैक्टेरिया और अन्य रोगजनक जन्तु नष्ट होते है | इस फायलर से निकला पेय पानी शुद्ध पानी के तालाब में भंडारित किया जाता है और सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट द्वारा वितरित किया जाता है |
यह जल प्रक्रिया प्लान्ट ग्रामवासियों ने प्रदान की जमीन पर ही बनाया गया है | यह योजना ग्रामपंचायत और ग्रामवासियों के पूरे सहभाग और सहयोग के कारण संभव हुई | अब यह योजना जेन्गिन्ग-यिंगकिओन्ग अंचल समिति के तीन गाँवों को जल आपूर्ति करती है – सिमॉन्ग पश्चिम -1, सिमॉन्ग पश्चिम -2, सिमॉन्ग पूर्व |
स्रोत: भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय
अंतिम सुधारित : 9/26/2019
इस पृष्ठ में उराँव जनजाति की अर्थ – व्यवस्था और कल...
इस भाग में देश की महिलाओं की स्थिति, विशेषकर समाज ...
इस पृष्ठ में अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर आयोग की भाषायी...
इस भाग में असंगठित क्षेत्र से सम्बन्धित जानकारी उ...