(1) कोई भी व्यक्ति, इलेक्ट्रोनिक चिन्हक प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को ऐसे प्ररूप में आवेदन कर सकेगा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।
(2) ऐसे प्रत्येक आवेदन के साथ प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को संदेय की जाने वाली पच्चीस हजार रुपए से अनधिक उतनी फीस संलग्न होगी जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए;परन्तु उपधारा (2) के अधीन फीस विहित करते समय, आवेदकों के विभिन्न वर्गों के लिए विभिन्न फीसे विहित की जा सकेंगी।
(3) ऐसे प्रत्येक आवेदन के साथ प्रमाणन पद्धति विवरण संलग्न होगा या जहा ऐसा विवरण नहीं है, वहां ऐसी विशिष्टियों वाला विवरण सलग्न होगा, जो विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए ।
(4) उपधारा (1) के अधीन आवेदन प्राप्त होने पर, प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, उपधारा (3) के अधीन प्रमाणन पद्धति विवरण या अन्य विवरण पर विचार करने और ऐसी जाच करने के पश्चात्, जो वह ठीक समझे, इलेक्ट्रोनिक चिन्हक प्रमाणपत्र मंजूर कर सकेगा या आवेदन को, उन कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे, नामंजूर कर सकेगा ।
विलोपित
(क) आवेदक के पास इलेक्ट्रोनिक चिन्हक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध की जाने वाली लोक जी के अनुरूप प्राइवेट कुंजी है;
(ख) आवेदक के पास ऐसी प्राइवेट कुंजी है जो इलेक्ट्रोनिक चिन्हक सृजित करने में यह है
(ग) प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध की जाने वाली लोक कुंजी का, आवेदक द्वारा धारित प्राइवेट कुंजी द्वारा लगाए गए इलेक्ट्रोनिक चिन्हकों का सत्यापन करने में उपयोग किया जा सकता है; परन्तु आवेदन तब तक नामंजूर नहीं किया जाएगा जब तक कि आवेदक को प्रस्तावित नामंजूरी समय प्रमाणकर्ता प्राधिकारी यह प्रमाणित करेगा I
अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र जारी करते समय प्रमाणकर्ता प्राधिकारी यह प्रमाणित करेगा कि -
(क) उसने इस अधिनियम, उसके अधीन बनाए गए नियमों और विनियमों का अनुपात किया है;
(ख)उसने अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र प्रकाशित किया है या उसे उस पर विश्वास करने वाले व्यक्ति को अन्यथा उपलब्ध कराया है और उपयोगकर्ता ने उसे स्वीकार किया
(ग)उपयोगकर्ता के पास अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध लोक कुंजी के अनुरूप प्राइवेट कुंजी है;
(घ) उपयोगकर्ता की लोक कुंजी और प्राइवेट कुंजी मिलकर एक कार्यकारी कुंजी युग्म बनाती है;
(ङ) अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र में अतर्विष्ट सूचना सही है; और
(च)उसके पास किसी ऐसे सारवान् तथ्य की जानकारी नहीं है जिसे यदि अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र में सम्मिलित किया गया होता तो उसका खंड (क) से खंड (घ) में किए गए व्यपदेशनों की विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता
(1) ऐसा प्रमाणकर्ता प्राधिकारी,जिसने अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र जारी किया है, उपधारा (2) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, -
(क) अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध उपयोगकर्ता से; या उस उपयोगकर्ता की ओर से कार्य करने के लिए सम्यक् रूप से प्राधिकृत किसी व्यक्ति से, उस आशय के अनुरोध की प्राप्ति पर;
(ख) यदि उसकी यह राय है कि अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्रे लोकहित में निलंबित किया जाना चाहिए, ऐसे अंकीय चिहक प्रमाणपत्र को निलंबित कर सकेगा ।
(2) अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र पंद्रह दिन से अधिक के लिए तब तक निलंबित नहीं किया जाएगा जब तक कि उपयोगकर्ता को उस विषय पर सुने जाने का अवसर न दे दिया गया हो।
(3) इस धारा के अधीन अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र के निलंबन पर प्रमाणकर्ता प्राधिकारी उपयोगकर्ता को उसकी संसूचना देगा ।
(1) प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, अपने द्वारा जारी किया गया अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र उस दशा में प्रतिसंहत कर सकेगा
(क) जहां उपयोगकर्ता या उसके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति उस आशय का अनुरोध करे; या
(ख) उपयोगकर्ता की मृत्यु हो जाती है; या
(ग) फर्म का विघटन या कंपनी का परिसमापन हो जाता है, यदि उपयोगकर्ता फर्म या कंपनी है ।
(2) उपधारा (3) के उपबंधों के अधीन रहते हुए और उपधारा (1) के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, अपने द्वारा जारी किए गए अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र को किसी भी समय प्रतिसंहत कर सकेगा, यदि उसकी यह राय है कि, -
(क) अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र में दिया गया कोई सारवान् तथ्य मिथ्या है, या उसे छिपा दिया गया है;
(ख) अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र के जारी किए जाने से संबंधित अपेक्षाएं पूरी नहीं की गई
(ग) प्रमाणकर्ता प्राधिकारी की प्राइवेट कुंजी या सुरक्षा प्रणाली ऐसी रीति से गोपनीय नहीं रह गई है जिससे अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र की विश्वसनीयता तात्त्विक रूप से प्रभावित होती है;
(घ) उपयोगकर्ता को दिवालिया या मृत घोषित किया गया है या जहां उपयोगकर्ता फर्म या कंपनी है वहां उसका विघटन या परिसमापन हो गया है या वह अन्यथा अस्तित्व में नहीं रह गई है ।
(3) कोई अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र तब तक प्रतिसंहत नहीं किया जाएगा जब तक कि उपयोगकर्ता को मामले में सुनवाई का अवसर न दे दिया गया हो ।
(4) इस धारा के अधीन अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र का प्रतिसहरण होने पर प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, उसकी संसूचना उपयोगकर्ता को देगा ।
(1) जहां कोई अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र, धारा 37 या धारा 38 के अधीन निलंबित या प्रतिसंहत किया जाता है वहा प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, यथास्थिति, ऐसे निलंबन या प्रतिसहरण की सूचना, ऐसी सूचना के प्रकाशन के लिए अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र में विनिर्दिष्ट निधान में प्रकाशित करेगा ।
(2) जहां एक से अधिक निधान विनिर्दिष्ट किए गए हैं वहां प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, ऐसे सभी निधानों में, यथास्थिति, ऐसे निलंबन या प्रतिसंहरण की सूचनाएं प्रकाशित करेगा ।
स्रोत: इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम सुधारित : 2/20/2023
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