आदिवासियों के मन में दृढ धारणा है की परमसत्ता अपने पूर्व – प्रबंध और भलेपन के तहत मनुष्यों से पशुओं तथा पक्षियों के माध्यम से बात करता है| उदाहर्ण के लिए यदि कोई आदिवासियों का समूह वधु देखने के लिए जा रहा है और एक सियार पार होता है अथवा एक ‘सूइया’ (एक छोटी काली चिड़िया) रास्ते को काटते हुए उड़कर पार होती है तो यह चिन्ह है कि परमसत्ता इस विवाह संबंध की अनुमति नहीं देते हैं| पुन: यदि कोई आदिवासी अपने संबंधी, अथवा मित्र के यहाँ जाता/जाती है और रास्ते में उसे पीयू चिड़िया की आवाज सुनाई देती है तो यह चिन्ह है कि परमसत्ता इस विवाह संबंध की अनुमति नहीं देते हैं| पुन: यदि कोई आदिवासी अपने सम्बधि, अथवा मित्र के यहाँ जाता/जाती है और रास्ते में उसे पीयू चिड़िया की आवाज सुनाई देती है तो यह हाथ पसार कर स्वागत किये जाने तथा चावल की हंडियां के प्रचुर मात्रा में दिए जाने का संकेत है (कैम्पियन: 7)|
परमतसत्ता मनुष्यों को कुछ खतरों से आगाह करते और उन्हें सर्तक रहने की चेतावनी देते हैं| उदाहरण के लिए यदि कोई “फिकार” (पागल सियार) किसी गाँव के निकट चिल्ला रहा हो तो यह गाँव में किसी की मृत्यु का संदेश है| यदि बिना किसी प्रत्येक्ष कारण के कोई पेड़ अथवा डाली आसपास गिर जाए तो इसका अर्थ है कि वह किसी बड़े दुर्भाग्य से पीड़ित होने वाला है| इस दुर्भाग्य से पीड़ित होने वाला है| इस दुर्भाग्य से बचाव के लिए पेड़ की डाली को लाठी अथवा कुल्हाड़ी से एक साँस में 1 से 5 अथवा 1 से 7 बार मारना चाहिए|
स्वप्न में गूंगू पहनना, नये घड़े उठाकर ले जाना बाघ से मारे जाने की पूर्वसूचना होती है, यदि कोई दुसरे दिन जंगल जाता है| यदि कोई लकड़ी का गट्ठर अथवा कुन्दा स्वप्न में उठाकर जा रहा है तो यह चिन्ह है कि कोई प्रिय मित्र अथवा कोई सगा- संबंधी शीघ्र ही मर जायेगा| यदि कोई स्वप्न में मछली मारने. खुखड़ी चुनने,खेत का बांध बनाने, भवन बनाने के इन किसी भी कार्य में व्यस्त है तो यह किसी मृत्यु संदेश की पूर्व सूचना है | इस दुर्भाग्य से बचाव के लिए सुबह जागते ही जितनी जल्दी हो सके अपना स्वप्न दूसरों को बता देना चाहिए| यदि कोई व्यक्ति स्वप्न दूसरों को बता देना चाहिए| यदि कोई व्यक्ति स्वप्न में धुआंधार वर्षा में भींगता है तो इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति किसी दुर्भाग्य के कारण आँसू बहाने वाला है अथवा किसी अनापेक्षित आनंद के लिए आंसू बहाएगा, वगैरह|
स्रोत : झारखण्ड समाज संस्कृति और विकास/ जेवियर समाज सेवा संस्थान, राँची
अंतिम सुधारित : 2/23/2020
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